¿Cuál es la relación entre Bramha y Saraswati?

देवी सरस्वती की पूजा भारत मे ज्ञान और बुद्धि की देवी के रूप में होती है।भारत और दक्षिण एशिया के अलावा थाइलैण्ड, इण्डोनेशिया, जापानएवं अन्य देशों में भी सरस्वती की पूजा होती है।

अन्य भाषाओ / देशों में सरस्वती के नाम-

  • बर्मा – थुयथदी (သူရဿတီ = सूरस्सती, उच्चारण: [θùja̰ðədì] या [θùɹa̰ðədì])
  • बर्मा – तिपिटक मेदा Tipitaka Medaw (တိပိဋက မယ်တော်, उच्चारण: [tḭpḭtəka̰ mɛ̀dɔ̀])
  • चीन – बियानचाइत्यान Biàncáitiān (辯才 天)
  • जापान – बेंजाइतेन Benzaiten (弁 才 天 / 弁 財 天)
  • थाईलैण्ड – सुरसवदी Surasawadee (สุรัสวดี)

देवी सरस्वती की उत्पत्ति ब्रह्मा जी से मानी जाती है। हिन्दू धर्म के अनुसार सृष्टि निर्माण के प्रारंभ में ब्रह्मा जी अकेले थे। उस समय उन्होंने अपने मुख से सरस्वती, सांध्य और ब्राह्मी की उत्पत्ति की।देवी सरस्वती के ज्ञान और रूप से मोहित होने के कारण ब्रह्मा जी ने उनसे सृष्टि निर्माण में सहयोग करने का आग्रह किया।उसके बाद ब्रह्मजी ने रूप मनु मनु मनु मनु मनु मनु मनु मनु निर्माण किया और देवी सरस्वती ने अपने तत्त्व के रूप में सत्यरूपा (सत्य की देवी, जिन्हें सतरुपा भी कहा जाता है) का निर्माण किया। इन्ही मनु और सत्यरूपा से अन्य प्राणियों की उत्पत्ति हुई।

ब्रह्मा जी से उत्पन्न होने के कारण उनकी मानस पुत्री हुई। लेकिन उनके साथ सृष्टि निर्माण में सहयोग किया इस कारण से कई पुराणों में उनकी पत्नी के रूप में उल्लेख मिलता है।